धर्म का उत्थान कसे हो रहा है
आज संपूर्ण विश्व में बहुत धर्म को मानने वाले लोग हैं जैसे हिंदू मुस्लिम सिख ईसई और भी काफी धर्मों की भरमार है लेकिन आज संपूर्ण मानव समाज हमारा धर्म सबसे पहले एक ही धर्म था जिसे सनातन हिन्दू धर्म था धीरे धीरे संपूर्ण मानव समाज काफी धर्मों में बट गया और अपने मूल धर्म को भूल कर अन्य धर्मों में बट गए
अगर हम आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो संपूर्ण मानव समाज का एक ही धर्म है इसको हम मानव धर्म कहते हैं और इंसान इस मानव धर्म को भूल गया और अपने आप को श्रेष्ठ से निकालने के लिए अलग-अलग धर्मों में बट गए।
अलग-अलग धर्मों में बांटने में हमारे देश के संत महात्मा या पंडित पुजारी थे इंसान को अपना मूल धर्म में बता कर अलग-अलग धर्मों में बांट गए
जबकि भगवान ने कोई धर्म नहीं बनाया भगवान ने केवल इंसान बनाया जीव जंतु बनाए सृष्टि की रचना की लेकिन किसी को किसी धर्म में नहीं बांटा परमात्मा की दृष्टि में हम सब समान हैं
मानव सेवा हमारा कर्तव्य है परमात्मा ने सब कुछ बनाया लेकिन कोई धर्म नहीं बनाया था जबकि आज हम यहां पर विभिन्न धर्मों में बट गए हैं और आज तक हमें किसी संत महात्मा ने यह सिद्ध करके नहीं बताया है कि हम सभी धर्मों में अलग-अलग क्यों बट गए दुनिया में एकमात्र ऐसे जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज एक ऐसे संत हुए हैं जो सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं सभी धर्मों को एक करना चाहते हैं और मनुष्य को उसका मूल कर्तव्य उसका मूल धर्म का बोध कराने का ज्ञान प्रकट किया है और मनुष्य उस ज्ञान को समझ कर सभी धर्मों को एक समान दृष्टि से देखने लगता है किसी को उच्च और नीच से नहीं देखता
संत रामपाल जी महाराज ने अपनी वाणी में कहा है
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा ।।
इस बारे में परमात्मा ने सर्वे सद्ध कर दिया है कि जीव हमारी जाति है और मानव हमारा धर्म है हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई कोई धर्म नहीं है सबका एक धर्म सनातन हिंदू धर्म है जो सदा से चला आ रहा है
धर्म का उत्थान कसे हो रहा है
आज मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति के लिए एक धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म को अपना लेता है यथावत या ज्ञान नहीं हो पाता है कि आखिर पूर्ण मोक्ष कैसे होगा पूर्ण मोक्ष की भक्ति क्या है
आज विश्व का संपूर्ण मानव समाज इस बात से परिचित है कि सबका मालिक एक है लेकिन फिर वह आगे भूल जाता है कि उसको पाने की विधि भी एक ही होगी फिर हम अलग-अलग धर्मों में बैठकर अलग अलग हो जाएं और साथ रहे क्यों कर रहे हैं अगर मनुष्य को पूर्ण मोक्ष पाना है तो उसको पाने की विधि भी एक ही है जो विधि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पास है संत रामपाल जी महाराज संपूर्ण मानव समाज को मोक्ष प्राप्ति के लिए सत भक्ति बताते हैं और उनके बताए अनुसार भक्ति साधना करने से मनुष्य को सर्व सुख और मोक्ष प्राप्त होता है इसलिए संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण करके अपना कल्याण करवाएं
इसलिए संपूर्ण मानव समाज करबद्ध प्रार्थना है कि संत रामपाल जी महाराज की शरण करके जाती धर्म के भेदभाव को भूलकर एक स्वच्छ मानव समाज तैयार कर रहे हैं संत रामपाल जी महाराज के इस ईशान में भाग लेकर अपना कल्याण करवाएं