बोध दिवस क्या है ?
.संत रामपाल जी महाराज का 17 फरवरी बोध दिवस मानव जाति के लिए पवित्र क्यों है? संत ...
.संत रामपाल की सच्चाई क्या है?
. प्रतिवर्ष संत रामपाल जी का बोध दिवस कब मनाया जाता है?
.17 फरवरी बोध दिवस एक बहुत ही खास दिन क्यों मनाते हैं
कब मनाया जाता है?
संत रामपाल जी महाराज के गुरुदेव का नाम क्या है?
उन्होंने कब नाम लिया उनसे?
इसलिए कि इस दिन संत रामपाल जी महाराज जी को उनके गुरुदेव जी स्वामी रामदेवानंद जी महाराज जी से नाम उपदेश मिला था और आगे उन्हें नाम उपदेश देने की भी आज्ञा मिली।
संत रामपाल जी महाराज ही वो पूर्ण तत्वदर्शी संत है जिनसे पूरे विश्व का कल्याण होना है।
गरीब दास जी महाराज जी की वाणी है कि
कोटयो मध्य कोई नही रै झुमकरा,
अरबो में कोई गर्क सुनो रै झुमकरा।।
वर्तमान में वो अरबो में पूर्ण संत यही है।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा आज पूरे विश्व को नाम उपदेश मिल रहा है जिससे लोगों का कल्याण हो रहा है पूरे विश्व का उद्धार हो रहा है अगर संत रामपाल जी महाराज जी के रूप में पूर्ण सद्गुरु नहीं मिलते तो मनुष्य जीवन व्यर्थ जाता
इसीलिए इस दिन को सब को मनाना चाहिए कोटि कोटि शुक्र मनाना चहिए धन्यवाद देना चाहिए परमेष्वर को और याद करना चाहिये
यह दिन सबके लिए महत्वपूर्ण है
सभी विश्व के लोगो के लिए यह सुअवसर है कि पूर्ण संत धरती पर है जिनसे कल्याण करवाना चाहिए।
और जब आमजन समाज यह सब बातें समंझ लेगा पहचान लेगा की पूर्ण संत तो यही है संत रामपाल जी महाराज फिर स्वतः ही बोध दिवस मनाने की और अग्रसर होगा और फिर उनसे नाम उपदेष लेकर अपना कल्याण करवा सकता है और फिर वो भी आमजन से भगत बनकर यह दिवस मनाने लगेगा।
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