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Thursday 14 May 2020

पर्यावरण का संरक्षण

पर्यावरण का संरक्षण

पर्यावरण  

पर्यावरण और विकास का आपस में एक दूसरे से घनिष्ठ संबंध है पर्यावरण और विकास दोनों एक दूसरे के पूरक है पर्यावरण में पृथ्वी और आकाश के बीच में जो कुछ भी आता है जैसे जीव-जंतु पेड़-पौधे पशु-पक्षी जल वायु मिट्टी मनुष्य यह सब पर्यावरण के अंदर आते हैं इन सब से मिलकर पर्यावरण बना हुआ है

 अगर हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर विकास दर को बढ़ाते हैं तो वह इस मानव समाज के लिए घातक सिद्ध होता है और वह विकास निरंतर नहीं हो सकता इसलिए  विकास के साथ हमें पर्यावरण के संरक्षण  जरूरी है आज मनुष्य    ने विज्ञान के माध्यम से इतनी उन्नति कर ली है लेकिन वह पर्यावरण के लिए घातक सिद्धध होती जा आज पर्यावरण के संरक्षण की खास जरूरत है नहीं आने वाली पीढ़ी पर्यावरण में चैन की सांस नहीं ले सकती





पर्यावरण के नुकसान


आज पर्यावरण में कारखानों से निकलता हुआ धुआं बीड़ी सिगरेट व प्लास्टिक से वातावरण में सबसे ज्यादा प्रदूषण बढ़ रहा है जिसके कारण आज मनुष्य दमा टीबी कैंसर अनेक प्रकार के चर्म रोगों से ग्रसित हो रहा है जनसंख्या की वृद्धि के कारण उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वैज्ञानिक तकनीकी का अधिक दोहन किया जा रहा है जिसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है वातावरण में प्रदूषण के कारण CO2 की मात्रा अधिक होने के कारण तापमान में वृद्धि हो गई है बारिश की कमी हो गई है


पर्यावरण संरक्षण के उपाय

आज पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए क्योंकि पेड़ वर्षा को आकर्षित करते हैं और बरसात से वातावरण साफ होता है कारखानों  से निकलते हुए धुंआ को बंद करने के लिए उन पर धुंआ और शोषित यंत्र का गाना चाहिए  पर्यावरण के प्रदूषण से बचने के लिए हमें जिंद अत्याधिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है उनका उचित ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए
    






लेकिन आज मनुष्य ने विज्ञान के माध्यम से इतनी उन्नति कर ली है कि वह भगवान से दूर होता जा रहा है सब कुछ अपना किया हुआ मान रहा है लेकिन जहां पर विज्ञान खत्म होता है वहां से भगवान का तत्वज्ञान शुरू होता है और तत्वज्ञान के माध्यम से हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं क्योंकि आज मनुष्य ज्ञान के अभाव से विज्ञान के वशीभूत होकर परमाणु बंब बनाकर अपने विनाश का कारण बन रहा है  अगर आज पर्यावरण को सुरक्षित रखना है तो तत्वज्ञान की खास जरूरत है जब मनुष्य को ज्ञान हो जाता है तो वह हर बुराई करते हुए डरने लगता है और वातावरण में किसी भी जीव जंतु पेड़ पौधे को नुकसान पहुंचाने से बचने की कोशिश नहीं करता है और ऐसा काम कोई पूर्ण संत या परमात्मा की कृपा से ही संभव है

आज पूरे विश्व में एक ऐसे संत हैं जिनके ज्ञान से मनुष्य एक दूसरे के प्रति शहज और सरल भाव से पेस होता है संत के ज्ञान ने पूरे संसार में एक आध्यात्मिक ज्ञान की क्रांति ला दी है  सभी नकली संत महात्माओं के ज्ञान को पराजित करके परमात्मा का सत्य ज्ञान दिया है जिसके ज्ञान से पूरे विश्व में उस संत के शिष्यों की अलग पहचान है ना कोई नशा करते हैं नशा करना  तो दूर उसको हाथ तक नहीं लगाते हैं जीव हत्या भी नहीं करते हैं  और उस संत के ज्ञान में इतनी  पावर है कि प्राकृतिक परिवर्तन भी कर सकते हैं ना किसी को नुकसान पहुंचाते हैं चीटी से लेकर हाथी तक सबको समान और शहद दृष्टि से देखते हैं और संत रामपाल जी महाराज  को बताने के लिए सतत प्रयत्नशील है 







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